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Tuesday 10 February 2015

Shyari 2

ये बात और है कि इज़हार ना कर सकेँ..
नहीँ है तुम से मोहब्बत..भला ये कौन कहता है.
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हजारो बार ली हैं तलाशियाँ तुमने मेरे दिल की,
बताओ कभी कुछ मिला है तुम्हारे सिवा !!!!
********
क्या ऐसा नहीं हो सकता हम प्यार मांगे..
और तुम गले लगा के कहो.. और कुछ..??
********
जीत कर दिखा दूँगा तुझे दुनिया से…
हर बार मैं ही हारू, ज़रूरी है क्या…
********
माना की नही आता मुझे किसी का दिल जीतना…..!!
मगर ये तो बताओ की यहाँ दिल है किसके पास…?
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जो कभी हंस के मिलते थे वो अब इल्ज़ाम देते हैं,
वक़्त की बात है, लोग बदले गिन-गिन के लेते हैं…
********
“क़िफ़ायती दरो पर एहसास बिक रहे हैँ….
चलो थोड़े तुम खरीद लो, थोड़े  मैं ख़रीद लू…”
*********
क्या हुआ.. जो मेरे लब तेरे लब से लग गए
माफ़ ना करो ना सही… बदला तो ले लो…
*********
तुम्हें जब कभी मिले फ़ुरसतें मेरे दिल से बोझ उतार दो,,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो…!!
*********
झूठ अगर यह है कि तुम मेरे हो, तो यकीन मानो,
मेरे लिए सच कोई मायने नहीं रखता…..!!
*********
शक तो था मोहब्बत में नुक्सान होगा,
पर सारा हमारा होगा ये मालूम न था।
*********
मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है ,,
जिस दिन मेरी आँख ना खुली बेशक तुझे नींद से नफरत हो जायेगी ”
*********
दिल दुखाया करो इजाज़त है,
भूल जाने की बात मत करना ..
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हराकर कोई जान भी ले ले,
मुझे मंजुर है,.. पर…….
धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता!
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सो जाऊ के तेरी याद में खो जाऊ…
ये फैसला भी नहीं होता और सुबह हो जाती है…
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रोज़ वो ख़्वाबों में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी…
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वजह पूछ मत तू मेरे रोने कि
तेरी मुस्कराहट पे ख़ुशी के दो आंसू गिर गए….
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मेने अपनी बैचेनी का एक
हिस्सा जलाया था कुछ देर पहले,
लोगो को सिर्फ सिगरेट नज़र आया…
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कर दिया कुर्बान खुद को हमने वफ़ा के नाम पर; छोड़ गए वो हमको अकेला मजबूरियों के नाम पर।
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आज जब मौत हमे लेने आई तो ये कह कर वापिस चली गयी..
ऐ दोस्त मैं ज़िंदगी उन की लेती हूँ जो ज़िंदा होते हैं..
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किताब में दबी….. जब तेरी उलटी तस्वीर नज़र आती है….
“तेरा वो पलट के देखना याद आता है….”
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“समंदर की लहरों पर, पैरों के निशान बना सकता हूँ!
तुम साथ ग़र दो तो, जमीं पर आसमां बना सकता हूँ!!”
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बदल जाती हो तुम !! कुछ पल साथ बिताने के बाद……
यह तुम मोहब्बत करती हो या नशा….
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जब भी वो मुस्कुरा क्र बात करती है….
मुझे अपने दिल की फिकर लग जाती है……..
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मुस्कराहट भी मुस्कराती है …… 
जब वो आपके होंठो से होकर आती है…..
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अपनी तन्हाई में खलल यूँ डालूँ सारी रात …
खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूँ “कौन” ?
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इसे लबों से चूमते हैं… ज़ुबाँ से छेड़ते
हैं…बूँद-बूँद… धीरे धीरे… ये शराब हैं
जनाब… इसे हम यूँ ही नहीं पीते..
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मैंने सारी रात पत्तियों को देखा बारिश के पानी को बूँद बूँद रिहा करते हुए…
किसी अपने को खोना भी शायद ऐसा ही कुछ लगता हैं…
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तू अगर बेनक़ाब हो जाए …
जिंदगानी शराब हो जाए….
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अभी आए, अभी बैठे, अभी दामन संभाला है
तुम्हारी जाऊं जाऊं ने हमारा दम निकाला है।
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बादशाह नही ईकके है हम,,,कयाेंकि हारने की हमे आदत नही…
और,किसीके सामने जुकना हमारी फितरत मै नही…
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दर्द बनाकर रख लो मुझे
सुना है दर्द बहुत वक्त तक साथ रहता है ।
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मेरे पास गोपीयाँ तो बहुत है….पर मेरा मन मेरी राधा के सीवा कही लगता ही नही…!!
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सबर कर बन्दे मुसीबत के दिन भी गुज़र जायेंगे…
हसी उड़ाने वालो के भी चेहरे उतर जायेंगे…
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उन्हे सफेद रंग पसंद था इस लीये हमने ये रंग अपना लीया,
ये दुनीया वालो ने तो हमे खामखा सुलतान मीजाँ बना लीया..
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बहुत शौक है न मुझे मार डालने का तुझे !!
एक काम करो, लगा के ज़हर होंठो पे, मेरी बाहों मे आ जाओ !!!!
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आँधियों ने लाख बढ़ाया हौसला धूल का,
दो बूँद बारिश ने औकात बता दी !
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खुद को खोने का पता नहीं चला,
किसी को पानेकी यूँ इन्तहा कर दी मैंने।
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मेरा विरोध करना आसान है
पर मेरा विरोधी बनना संभव नही,
क्यूंकि
जब जब मैं बिखरा हूँ
दुगनी रफ़्तार से निखरा हूँ।।।
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अगर इतनी नफरत है मूझसे तो कोई ऐसी दुआ कर
की………
तेरी दुआ भी पुरी हो जाए और मेरी जिंदगी भी…..
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सुलह करलो अपनी किस्मत से,
कोई तो है जो बिकता नहीं रिश्वत से!!
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रूक जाये मेरी धड़कन तो इसे ‘मौत’ ना समझना..कई बार ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते!..
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चलो मान लेता हु मुझे मोहब्बत करना नहीं आता
लेकिन आप ये बतावो की आप को दिल तोडना किस ने सिखाया..!!!
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सिगरेट जलाए बिना दिन बीत जाता हैं मगर तुमसे बात किए बिना नहीं…
मेरी आदतें बिगाड़ते, तुम एक बुरी आदत बन गयी हो।
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रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर…..
किताब सीने पे रखकर सोये हूए एक जमाना हो गया…!!
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चिराग़ रोशनी नही देते…
हम उम्मीद बुझने नही देते…
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“इंतज़ार है मुझे नफ़रत करने वाले कुछ नए
लोगो का…
पुराने नफ़रत करने वाले तो अब मुझे पसंद करने लगे है..
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मेरी चाहत को मेरे हालत के तराजु में नां तोल,
मैंने वो जखम भी खाऐं हैं
जो मेरी किसमत में नहीं थे…
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हमारे अल्फाज़ को ना करो इतना पसंद…
के हमारे शायराना अंदाज से आपको मोहब्बत हो जाये..!!
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तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा ग़ालिब..
चाँद कहता रह गया, मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ….
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तेरी आँखों का वोड़का…
तेरी मुस्कराहट का चखना..
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मुझे एसी शराब बता ये दोस्त
नशा-ए-इश्क उतार पाऊ मै..
********
हम भटक कर जुनूँ की राहों में।।
अक़्ल से इन्तक़ाम लेते हैं।।
********
दूर अफ़क (क्षितिज-horizon) पे
कहीं कोई बिस्तर होगा शायद…
रोज़ शाम देखता हूँ…
ये थका हारा सूरज वहीं कहीं थककर
गिर जाता है….
********
मकाम ए वस्ल ( meeting place) तो अर्ज-ओ-समां ( earth & sky)के बीच में है,
मैं इस ज़मीं से निकलूं तू आसमां से निकल…
********
नींद से मेरा पुराना रिश्ता हैं…
मैं नींद से फांसले रखता हूँ…
नींद भी मेरे नज़दीक नहीं आती…
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तेरे लबों पे चंद जमी हुई शिक़ायतें…
ख़ामोशी मुझको अक्सर सुनाया करती हैं…
********
फिर से ले जाये मेरी ज़ात से तू इश्क़ उधार
और मैं फिर से तेरे हुस्न पे बाक़ी हो जाऊँ…
********
उल्टी पड़ी है कश्तीयाँ रेत पर मेरी,
कोई ले गया है दिल से समंदर निकाल कर..!
*********
वो उम्र भर तो साथ िनभा ना सके मेरा लेकिन याद बनकर उसने मुझे कभी तन्हा ना छोड़ा..
*********
जिसको आज मुझमें हज़ारों गलतियां नज़र आती है….
कभी उसी ने कहाँ था “तुम जैसे भी हो, मेरे हों… ”
********
बच्चे उस गरीब के खा सके खाना त्योहारों में,
तभी तो भगवान भी बिक जाते है बाजारों में ।।
********
“क्यूँ दुनिया वाले मोहब्बत को खुदा का दर्ज़ा देते हैं,
हमने आजतक नहीं सुना कि खुदा ने बेवफाई की हो”..
********
तेरी बातों मैं प्यार के तेवर कम थे…
जब आँखों में झाँका तो हम ही हम थे…!!
********
कुछ लोग मेरी जींदगी मे खुशबु की तरह है …
महसुस तो होते है दिखाई नही देते….
********
हमे जब नींद आएगी तो इस कदर सोएंगे
के लोग रोएंगे हमे जगाने के लिए ||
********
एक ही चौखट पे सर झुके तो सुकून मिलता है ..
भटक जाते हैं वे लोग जिनके सैकडों खुदा होते हैं..
********
मुझे गम है तोह बस इतना गम है,
की…
तेरी दुनिया मेरे ख्वाबों से कम है..!!..
********
जल रही है सिगरेट खत्म
हो रही जिन्दगी अजीब
इत्तेफाक है ये धीरे धीरे ही सही..
********
हर कर्ज दोस्ती का अदा कौन करेगा,
हम ना रहे तो दोस्ती कौन करेगा !
********
रोज देते हो दिन रात मुझको,
इस क़दर ग़म कहाँ से लाते हो..!!!
*********
मेरी ‘खामोशी’ का कोई मोल नही,
उसकी ‘ज़िद्द’ की कीमत ज्यादा है…!!
*********
मौत शायद इसी को कहते है………
दिल अब किसी कि ख्वाहिश नहीं करता..!!
*********
शराब को तब तक अन्दर जाने दो…
जब तक शराब बाहर ना आने लगे…
*********
तेरे आने से पहले उदासी रहती है,
तेरे जाने के बाद उदासी छाती है…
इस बीचजो वक़्त गुज़रता है उसे मैं
ज़िन्दगी नाम देता हूँ…
*********
खामोश मिजाजी तुम्हे जीने नहीं देगी
इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो…..
*********
गुलाम बनोगे तो कुत्ता समजकर लात मारेगी ये
दुनिया,
नवाब बनोगे तो शेर समजकर सलाम ठोकेगी ये
दुनिया….
*********
अब क्या याद करने पर भी जुर्माना करोगे
वो भी चुका देंगे तो क्या बहाना करोगे ?
*********
करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन;
हमारे बिच कोई फ़ासला दिखाई तो दे !!!
*********
ग़म की दुकान खोल के बैठा हुआ था मैं;
आँसू निकल पड़े हैं ख़रीददार देख कर.!!
*********
लोग इश्क से न जाने क्यों डरते हैं
हम तो मोहब्बत की ताक में रहते हैं…
*********
लिखी कुछ शायरी ऐसे तेरे नाम से….
कि जिस ने तुम्हें देखा नहीं, वो भी तुम्हें बेमिसाल कहने लगे है…..
********
जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको;
हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं।
********
आया तो बार बार संदेशा अमीर का ..
.. मगर हो न सका सौदा जमीर का !!
********
अगर मैं भी मिजाज़ से पत्थर होता
तो खुदा होता या तेरा दिल होता…
********
खुबसूरत रिश्ता है मेरा और खुदा के बीच में,
ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं..
********
इन हसरतों को इतना भी कैद में ना रख ए-जिंदगी,..
ये दिल भी थक चुका है, इनकी जमानत कराते कराते…..
********
ए इश्क…मुझको कुछ और जख्म चाहियें…!!!
अब मेरी शायरी में वो बात नहीं रही…!!
********
हार की परवाह करता तो,मे जीतना छोड देता,
लेकिन ‘जीत’ मेरी जीद हे ,ओर जीत का मे बादशाह…
********
वो चुपके से जरूर आएगी मिलने मुझसे….
हकीकत नही तो “सपने” मे ही सही…
********
कितनी ही खूबसूरत क्यों न हो तुम पर मैं जानता हूँ
असली निखार मेरी तारीफ से ही आता है…
********
वो मुझसे बोली…क्या तुम जी लोगे मेरे बिना!!!
मैने पूछा क्या तुम ऑक्सीजन हो…
********
बस तुम अपने होठों से, मेरे कानों मे उठने को कह देना …..
यकीन मानो हम जनाज़े पर होने के वावजुद,
तुम्हारा भरोसा नहीं तोङ़ेगें…!!
********
ये “शायरी” लिखना उनका काम नहीं,
जिनके “दिल” आँखों में बसा करते हैं..!!
“शायरी” तो वो सख्श लिखते है,
जो शराब से नहीं “कलम” से “नशा: करते हे..
*********
वोह जब करीब से हंस कर गुजर गए
कुछ खास दोस्तों के भी चेहरे उतर गए…..
*********
“वही है शाम वही खुशगवार मौसम फ़िर,
मैं कर रहा हूँ मेरी ख़्वाहिशों का मातम फ़िर।।।
********
यूँ तो एक ठिकाना मेरा भी हैं…
मगर तुम्हारे बिना मैं
लापता सा महसूस करता हु…
********
नजरों में दोस्तों की जो इतना खराब है,
उसका कसूर ये है कि वो कामयाब है।
********
कितनी शराबें चढ़ाईं है
तब जा कर तुम उतरी हो..
********
वो जो आँखों को सुकून देती थी….
कुछ रोज़ हुए हैं वो दिल को दर्द देती है…
*********
बड़ी बरकत है तेरे इश्क़ में
जब से हुआ है,
कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता।…..
********
ये इत्तेफ़ाक़ नहीं कि आज हम तनहा है ……….
नाकाम होने के लिए भी बड़ी मशक्कत कि है हमने ……
*********
” काश तू मेरी आखो का आंसू बन जाए,
में रोना छोड़ दू तुझे खोने के डर से।”
********
उतनी बार तो उनकी सूरत भी नही देखी
जितनी बार उनके इंतज़ार में घड़ी देखी..
********
तुम मुझे अब याद नहीं आते…
तुम मुझे याद हो गये हो अब…
********
सुना था कभी किसी से,
ये भगवान की दुनिया है,
और मोहब्बत से चलती है…
करीब से जाना तो समझा,
ये स्वार्थ की दुनिया है,
और बस जरुरतों से चलती है…
********
जिंदगी जला दी हमने जैसे जलानी थी,
अब धुऐं पर तमाशा कैसा
राख पर बहस कैसी…
********
इस दुनिया में लाखों लोग रहते हैं;
कोई हँसता है तो कोई रोता है;
पर दुनिया में सुखी वही होता है;
जो शाम को दो पैग लगा कर सोता है।
********
जीत हासिल करनी हो तो काबिलियत बढाओ,
किस्मत की रोटी तो कुत्तेको भी नसीब होती है..
********
छोड़ दी सारी खाव्हिश जो तुझे पसंद ना थी ए दोस्त….
तेरी दोस्ती ना सही पर तेरी ख्वाहिश आज भी पूरी करते है..!!
********
मुकाम ऐ महोब्बत तूने समझा ही नहीं…
वरना जहाँ तक था तेरा साथ, वही तक थी ज़िंदगी मेरी..!!!!
********
मेरे अपने कहीं कम न हो जाएँ
इस डर से हमने मूसीबत में भी
किसी अपने को आजमाया नहीं ॥
********
सोचता हू छोड दू यै सिगरैट
पर सोचने के लीये भी एक चाहियै ….
********
मयखाने सजे थे, जाम का था दौर…
जाम में क्या था, ये किसने किया गौर…
जाम में “गम” था मेरे अरमानो का…
और सब कह रहे थे एक और एक और…
********
तुमको अपनी मिसाल दैता हुँ….
इश्क़ ज़िन्दा भी छोड़ देता हे..
********
चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये…
बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये…!!
********
चल ख़्वाब छोड़ नींद से उठ..,,
जिंदगी फिर बुला रही है जीने के लिए.
********
कैसे रहेगी ज़िंदा ये तहजीब सोचिए….
स्कूलों से ज्यादा शहर में मयखाने हो गए…
********
रिश्ते चाहे कितने भी बुरे हो,लेकिन कभी भी उन्हें मत तोडना ,
क्युकी पानी चाहे कितना भी गदा ह़ो , पर प्यास नहीं तो आग़ तो बुजा ही देता है ।
********
अभी तो बस इश्क़ हुआ है,
मंजिल तो मयखाने में मिलेगी.
********
इतना कुछ हो रहा है इस दुनिया में….
क्या तुम मेरे नही हो सकते???
********
आदमी मजबूरियों में कभी हारता नहीं हैं…
इस शेहेर के टूटे हुए मकान में भी घर बसते हैं…
*********
कोई अब जगाती हैं इन आँखों को रातों में…
हमने सोने का वक़्त अब बदल लिया हैं…
*********
हर किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता,
जो मैं नहीं हूँ वो दिखाने का तरीका मुझे नहीं आता.!
*********
बेर कैसे होते है “शबरी” से पूछो,
राम जी से पूछोगे तो मीठा ही बोलेंगे !!”
********
अभी मसरूफ हूँ काफी कभी फुरसत में सोचूंगा,
कि तुझको याद रखने में, मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ….
********
कुछ सपनों को पूरा करने निकले थे घर से,
किसको पता था कि घर जाना ही एक सपना बन जायेगा।
*******
कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं? सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ? “मौसम” की या “अपनों” की..!!!!!
*******
तेरे जल्वो ने यह कैसी शर्त रख दी,,
कि खुश्बु दैखने की शर्त रख दी..
*******
आईना भला कब किसी को सच बता पाया है,
जब भी देखो दांया,
तो बायां नज़र आया है..!!
*******
तेरी ख्वाहिश करली तो कौनसा गुनाह किया,
लोग तो इबादत में पूरी क़ायनातमांगतेहैं खुदा से ।.
*******
हादसे से बड़ा हादसा ये हुआ.,
लोग ठहरे नहीं हादसा देखकर……..!!
*******
“जवाब” तो था मेरे पास उन के हर सवाल का…
पर खामोश रहकर मैंने उनको “लाजवाब” बना दिया…
********
नया हू अभी धिरे धिरे सिख जाऊंगा..
पर किसीके सामने झुक कर अपनी पेहचान
नहि बनाऊंगा…..!
********
तू जीद है दिल की वरना इन आँखों ने और भी चहरे देखे हैं..
********
जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते हैं….
बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते हैं…
********
रिश्ते गर बढ़ जाए हद से तो गम मिलते है…!
इसलिए आजकल हम हर शख्स से कम मिलते है…!!
********
किसका वास्ता देकर मैं रोकता उसे,
खुदा तक तो मेरा, बन चूका था वो….
********
तुम्हारी शर्तो से शहेनशाह बनने से बहेतेर हे
की अपनी शर्तो पे फ़क़ीर बन जाऊ..!!!
********
उसे छुना जुर्म है तो मेरी फ़ासी का इन्तेजाम करो,
मै आ रहा हु उसे सीने से लगा कर…….
********
तेरी यादों की उल्फ़त से सजी है महफिल मेरी …..
मैं पागल नही हुँ ..? जो तुझे भूल कर वीरान
हो जाऊ…
********
मेरा यही अंदाज़ इस ज़माने को खलता है…
की ये साला इतनी पीने के बाद भी, सीधा कैसे चलता है………!!
********
आज मेरे शहर में धुप खिली खिली सी है..
पता नहीं सूरज निकला है या घर से वो निकली है..
********
यादों की किम्मत वो क्या जाने,
जो ख़ुद यादों को मिटा दिया करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं.
********
मोहब्बत जीत जाएगी अगर तुम मान जाओ तो..
मेरे दिल मैं तुम ही तुम हो अगर तुम जान जाओ तो..!!
********
मैंने अपनी शाम चिरागों से क्या सजा ली,
कुछ दोस्तों ने हवाओं से शर्त लगा ली..
********
एक सपना टूट कर बिखरा जमीन पे …
बाबजूद सन्नाटो के कोई आवाज़ नही हुई …
********
“उस पगली को क्या पता जिस मंदिर मे वो मेरी मौत की दुआ करती है,,,उस मंदिर मे हमने अपनी जान गिरवी रखी है उसे पाने के लिए ….!
********
तड़पती देखता हूँ जब कोई चीज, उठा लेता हूँ
अपना दिल समझकर….
********
शौक पूरे कर लो …
ए दोस्त
ज़िन्दगी तो खुद
ही पूरी हो जाएगी एक
दिन…!!!
********
कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ?
“मौसम” की या “अपनों” की ??!!!
*******
मैं कभी हारता नहीं
या तो जीतता हूँ, या सीखता हूँ”….
********
एक पल है बहुत खुद को समझने के लिए ।
और उस पल के लिए उमर गुजर जाती है ।
********
इरादा कत्ल का था तो, सर कलम कर देते तलवार से,
क्यों इश्क़ में ढाल के तुमने, हर सांस पे मौत लिख दी।
********
“एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये.!
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही .”
*******
ज़िन्दगी मेरे कानों में अभी हौले से कह गई …..
उन रिश्तों को थामे रखना जिन के बिना गुज़ारा नहीं …
********
“सुना था दर्द का अहसास तो चाहने वालो को होता है……
लेकिन जब दर्द ही चाहने वाले दे तो एहसास कौन करेगा……….”
********
मेरे तो दर्द भी औरो के काम आते है,
मै रो पडु तो कई लोग मुस्कराते है!!
********
करीब आओगे तो शायद हमें समझ लोगे,
ये फासले तो ग़लतफ़हमियां बढ़ाते है।
********
“ कुत्ते भोंकते है अपने जींदा होने का एहसास
दिलाने के लिए,
मगऱ..
जंगल का सन्नाटा
शेर की मोजुदगी बंयाँ करता है ”
********
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,
जब बरसी ख़ुशियाँ …
न जाने भीड़ कहां से आई..
********
इतने चहरे थे उसके चहरे पर
आईना तंग आ के टूट गया.
********
एक बेटी का कहना…… :mrgreen: :mrgreen:
मुझे पापा से ज्यादा शाम अच्छी लगती हैं,
क्योंकि पापा तो सिर्फ खिलोने लाते हैं,
लेकिन शाम….
शाम तो पापा को लाती हैं….
********
मत सोना दोस्तों के कंधे पर सर रखकर,,
क्यूंकि जब ये बिछड़ते है, तो तकिये पर भी नींद नहीं आती..!!
********
सोचता हूँ कि अब तेरे दिल में उतर कर देखूं;
कौन है वहां, जो मुझको तेरे दिल में बसने नहीं देता!
********
बडा नाम है मेरा, मेरी गलीयों मे.,
बदनाम तो मै उनकी गलीयों मे हुं..”
********
बेटियां सब के मुक़द्दर में कहाँ होती हैं.
घर खुदा को जो पसंद आये वहां होती हैं..
********
कभी पिघलेंगे पत्थर भी मोहब्बत की तपिश पाकर
बस यही सोच कर हम पत्थर से दिल लगा बैठे..
********
इश्क का धंधा बड़ा ही गन्दा..
मुनाफे में “जेब” जले..
और घाटे में “दिल”
********
चंद फासला जरूर रखि‍ए हर रि‍श्‍ते के दरमियान…
कयोकि बदलने वाले अक्‍सर बेहद अजीज ही हुआ करते हैं…..!!
********
जुबां तो खोल, नज़र तो मिला, जवाब तो दे..
मै तुझपे कितनी बार लुटा हूँ मुझे हिसाब तो दे…
********
चुप रह कर,
जो करते थे,हम गुफ्तगू,
हमारा,
खामोश इश्क़,मशहूर अब भी हैं !!
********
“कोई दोस्त कभी पुराना नहीं होता,
कुछ दिन बात न करने से बेगाना नहीं होता,
दोस्ती में दुरी तो आती रहती हैं,
पर दुरी का मतलब भुलाना नहीं होता.”
********
लोग तो बे-वजह ही खरीदते हैं आईने ,
आंख बंद करके भी अपनी हकीकत जानी जा सकती है ।
********
तेरी यादों के लम्हे उन पुराने गानो की तरह .
जिनको कितना भी दौहराओ हर बार नये ही लगते है..
********
“अजीब नींद मेरे नसीब में लिखी है ,
पलकें बंद होती हैं तो दिल जाग जाता है ……!!
********
हम समझते कम और समझाते ज्यादा हैं …
इसलिए सुलझते कम और उलझते ज्यादा हैं ….
********
भूख से बड़ा ‘मजहब’ और रोटी से बड़ा ‘ईश्वर’ हो तो बताना……. ‘धर्म’ बदलना है।
********
मैं तो सीफॅ दील से लीखता हुं,
पर लोग न जाने क्युं..
दील पे ले लेते हैं !
*******
जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान का…
फिर देखना फिज़ूल है कद आसमान का…!
********
कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है..!!
********
मुझसे नफरत कर…
“बेशक कर “.!.
पर उतनी ही कर,
जितनी तुने मोहब्बत की थी..!!..
********
हर रिश्ते का नाम जरूरी नहीं होता मेरे दोस्त..
कुछ ”बेनाम” रिश्ते..रुकी जिंदगी को सांस देते है..!!
********
ज्यादा बोज लेकर चलनें
वाला अक्सर डुब ज़ाता है,
चाहे वो “सामान” का हो
या “अभीमान” का हो .
********
बड़ा अजीब सा जहर था,उसकि याद मे,
पूरी उम्र गुजर गई मरते मरते…!!
********
इश्क की बहुत सारी उधारियां है तुम पर.. ,!!!!!
चुकाने की बात करो तो कुछ किश्तें तय कर लें…??
********
पलके खुली सुबह तो ये जाना हमने,,,
मौत ने आज फिर हमें जिंदगी के हवाले कर दिया..
********
तेरा इंतजार करने वाले हजारों होंगे ,
लेकिन मुझे सिर्फ तेरा इंतजार होता है …..
********
यह ग़लत कहा तुमने….. कि मेरा पता नही हे,,
मुझे ढुँढने की हद तक कोई ढुँढता ही नही..
********
आलम ये है कि उपवास में खाने के लिए
चिप्स खरीदने जाता हूँ तो लोगों को लगता है
कि आज घर में दारु पीने का कुछ प्लान है !!
********
काँटों से कहाँ डर है फूलों से खौफ करिये
चुभन तो भूल जायेंगे खुशबू दिल से न जाएगी..
********
बस इतना ही फर्क है तेरी बेरुखी के बाद।,
कि तुने खंजर मारा और हमने शायरी नवाजी।..
********
कितना नादान है ये दिल,कैसे समझाऊ की जिसे तू खोना नही चाहता हैं वो तेरा होना नही चाहता….
********
खुद मे झांकने के लिए जिगर चाहिए , दोस्त..!!!
दूसरों की शिनाख्त मे तो हर शख्स माहिर है …!!!!
********
पिलाया रात काे ऐसे उसने नजरों के जाम,
सुबह हाेते ही साेचा फिर कब शाम हाेगी…!
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अच्छा एक सिगरेटे पी के आता हूँ..
एक याद फसी है उसे धुए में उड़ा के आता हूँ…
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हुस्न का क्या काम सच्ची मोहब्बत में ,,,
जब आँख ” मजनू ” हो ,, तो ” लैला ” हसीन
ही लगती है …!
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भरी बरसात में उड़ के दिखा माहिर परिंदे…
सूखे मौसम में तो तिनके भी सफ़र कर लेते है..
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बारुद जैसी है मेरी शक्शीयत,
जहा से गुजरता हु….
लोग जलना शुरु कर देते है……
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इक उम्र गुजार दी हमने,
रिश्तों का मतलब समझने में..
लाेग मशरूफ हैं,
मतलब के रिश्ते बनाने में…!
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September 8, 20143 Replies
Shayri part 20
फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़
फिरएकज़रा सीबातपरजीनापड़ामुझे।
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तू बिन बताये मुझे ले चल कहीं…..
जहाँ तू मुस्कुराये मेरी मंजिल वहीं…!!
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हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है ..
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है…
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम ………….
और एक वो है ….जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है………………
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सुहाना मौसम ओर हवा मे नमी होगी
आशुंओ की बहती नदी होगी
मिलना तो हम तब भी चाहेगे आपसे
जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी…
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प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता,
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता,
इस फुल को कभी टूटने मत देना,
क्योकि तुटा हुआँ फुल वापीस नहीँ खिलता.
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​मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ​ ​ऐ खुदा​;
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..
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रिश्तेदारी भी टेलीफोन है आज
सिक्का डालो तो बात होती है…
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मेरे टूटने की वजह मेरे जोहरी से पूछो..,
उस की ख्वाहिश थी कि मुझे थोडा और तराशा जाये..
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“क्या खूब होता जो यादें भी रेत होतीं,
मुट्ठीसे गिरा देते पाँवों से उड़ा देते”
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एक तुम भी ना कितनी जल्दी सो जाते हो…
लगता है इश्क को तुम्हारा पता देना पड़ेगा!!!
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ना पीछे मुड़ के तुम देखो. ना आवाज़ दो मुझ को….
बड़ी मुश्किल से सीखा है …तुमको अलविदा कहना..
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नींद भी मोहब्बत बन गयी है,
बेवफा रात भर नहीं आती ..
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कितना अच्छा होता .. अगर हर दिन की समाप्ति पर… जिंदगी पूछती……
Save changes??
“Yes/No
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तू बहते पानी सी है, हर शक्ल में ढल जाती है,,
मैं रेत सा हूँ… मुझसे कच्चे घर भी नहीं बनते.‼️
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बात वफाओँ की होती तो कभी ना हारते हम..
खेल नसीबोँ का था भला उसे कैसे हराते.!!
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न जाने किस के मुकद्दर में लिखे हो तुम मगर,
ये सच है की उमीदवार हम आज भी हैं..
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अब हम इश्क के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं
जहां दिल किसी और को चाहे भी तो गुनाह होता है..
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हवस ने पक्के मकान, बना लिये हैं जिस्मों में.. ।
और सच्ची मुहब्बत किराये की झोपड़ी में, बीमार पड़ी है आज भी.. ।।
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दम नहीं किसी में,जो मिटा सके हमारी हस्ती को,
जंग तलवारो को लगती है,नेक इरादो को नहीं!!
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प्यार तो जिंदगी का एक अफसाना है,
इसका अपना ही एक तराना है,
सबको मालूम है कि मिलेंगे सिर्फ आंसू,
पर न जाने क्यों, दुनियां में हर कोई इसका दीवाना है.
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यहाँ मेरा कोई अपना नहीं है..
चलो अच्छा है कुछ ख़तरा नहीं है !!
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ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो
ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है….
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जब से देखा है चाँद को तन्हा.,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही.!
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उम्रकैद की तरह होते हैं कुछ रिश्ते….
जहाँ जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही….
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हकीक़त थी,
ख्वाब था
या तुम थे,
जो भी था,
हम तो उसी में गुम थे…!!!”
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और कब तक खेलेगा तू मुझसे मेरे खुदा………..
अब तो अपना खिलौना बदल ले!!
या में खुदा बदल दू।।।
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ज़रा संभल कर लगाना डुबकी
प्यार के सागर में , ऐ दोस्त !
वो किस्मत वाले होते हैं
जिन्हें साहिल मिला करता हे….
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” हमेशा हँसते रहिये,एक दिन ज़िंदगी भी
आपको परेशान करते करते थक जाएगी ।”
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एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और..
आज कई बार.. बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
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किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है..
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मत सोचना मेरी जान से जुदा है तू;
हकीकत में मेरे दिल का खुदा है तू।
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कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी…
बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते – सुलगते…
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दर्द से जाने ये कैसा मेरा नाता है,,
इंतजार करू गर वक्त बदलने का,,
वक्त से पहले दर्द बदल जाता है…
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इस दिल की तसल्ली के लिए बस इतना ही काफी है,
जो हवा तुमको छुती है मैं उससे ही साँस लेता हूँ।।
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चिलम को पता है अंगारों से आशिकी का अंजाम,
दिल में धुआं और दामन में बस राख ही रह जाएगी।।
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ज़िस्म से मेरे तडपता दिल कोई तो खींच लो​;​
मैं बगैर इसके भी जी लूँगा मुझे अब ​ये यकीन ​है…
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ए नींद अब ले चल मुझे ख्वाबों की वादियों में,
कि कब से बैठा हुं मैं तैयार दीदार-ए-यार के लिये.
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नरम नरम फूलों का रस निचोड़ लेती है..
पत्थर के दिल होते है तितलियों के सीने में..
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क्या ज़रुरत थी दूर जाने की
पास रह कर ही तुम सता लेते…
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मेरे दिल से खेल तो रहे हो Tum ,
पर, जरा सम्भल के pls ,
Ye Thoda टूटा हुआ है ;
कहीं Tumhe लग ना जाए .
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बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो;
चार किताबें पढ़कर वो भी हमारे जैसे हो जाएंगे।
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सांपो के मुक़द्दर में वो ज़हर कहाँ,
जो ईन्सान अदावत में उग़लता है….!!!!
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घांव इतना गहरा है बयां क्या करे,
हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे,
जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें,
अब इससे ज्यादा उनका इंतजार क्या करे.
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वो परिंदा था..खुले आसमां में उड़ता था..
इश्क हुआ..सुना अब जमीं पे रेंगता है…
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शक है उनको रात में कहीं चूम ना ले हम….
गालों पे हाथ रख के सोयी होंठों को वैसे ही छोड़दिया ….
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हक़ीकत से बहुत दूर है ख्वाहिश मेरी,
फिर भी ख्वाहिश है कि…
एक तेरा ख्वाब हक़ीकत हो जाए…
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कोई इल्ज़ाम रह गया हैं तो, वो भी दे दो,
पहले भी बुरे थे हम, अब थोड़े और सही..
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होसला उसमे भी न था यु मुझसे जुदा होने का,
वर्ना काजल उसकी आखो में यु ना फेला होता.
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मैं खुद कभी बेचा करता था दर्दे दिल की दवा…
पर ए दोस्त…
“आज वक़्त मुझे अपनी ही दुकान पर ले आया…!!
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मेरी जरुरत ओर ख्वाहिस दोनो तूम हो..
अगर रब की कभी महेर बानी हुई ..
तो कोई ऐक तो पुरी होगी…
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